Last modified on 16 जनवरी 2021, at 20:10

टाढा टाढा जानु छ साथी / बच्चु कैलाश

Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:10, 16 जनवरी 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= बच्चु कैलाश |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKC...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

टाढा टाढा, जानु छ साथी, एकफेर हाँसिदेऊ
छुटिसकेको मायालाई साथी एकफेर गाँसिदेऊ

यो फूलबारी उजाडिएला, केही छिन बसेथ्यौ
बहानै सही आँखामा आँसु, लिएर रोएथ्यौ

कहीँ गएर अल्मल्लिएर, भूलेर बसौँला
कहिले काहीँ सम्झना आए, रोएर टारौँला