घर वापसी (नॉस्टोस) / लुईज़ा ग्लुक / झरना मालवीय
नॉस्टोस' यूनानी मिथकों की एक विषयवस्तु है, जिसमें एक पौराणिक नायक समुद्र-यात्रा करके वापस घर लौटता है। तब देश वापस लौट पाने में सफल होना एक ऊँचे दर्जे का पराक्रम समझा जाता था। नॉस्टोस शब्द से ही 'नॉस्टैल्जिया' बना है।
इस अहाते में एक सेब का पेड़ था — यह कोई चालीस बरस पहले की बात होगी — उसके पीछे, सिर्फ़ हरे मैदान। नम घास में क्रॉकस के फूलों की काँपती हुई झील थी ।
मैं उस खिड़की से देख रही थी : अप्रैल का आखीर था। वसन्त के फूल थे पड़ोसी के अहाते में ।
कितनी बार, वाक़ई, यह पेड़ मेरी सालगिरह पर फूला, ठीक उसी दिन, न पहले, न बाद में ? प्रतिस्थापित हो जाता है — अपरिवर्त्य की जगह वह जो गतिशील है और विकस रहा।
प्रतिस्थापित हो जाती है छवि-बिम्बों की जगह वह पृथ्वी जो है अपनी निर्मम गति में अविश्रान्त । क्या जानती हूँ मैं इस जगह के बारे में, उस पेड़ का दशकों का किरदार एक बोनसाई ने ले लिया है, आवाज़ें आ रही हैं टैनिस कोर्ट से — मैदान हैं। गन्ध लम्बी घास की जो ताज़ा कटी है जैसा कि कोई नज़्म निगार से उम्मीद करता है ।
हम दुनिया को, बस, एक बार देखते हैं, बचपन में । शेष सब स्मृति है ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : झरना मालवीय
लीजिए, अब यही कविता अँग्रेज़ी में पढ़िए
Louise Glück Nostos
There was an apple tree in the yard — this would have been forty years ago — behind, only meadows. Drifts of crocus in the damp grass. I stood at that window: late April. Spring flowers in the neighbor's yard. How many times, really, did the tree flower on my birthday, the exact day, not before, not after? Substitution of the immutable for the shifting, the evolving. Substitution of the image for relentless earth. What do I know of this place, the role of the tree for decades taken by a bonsai, voices rising from the tennis courts — Fields. Smell of the tall grass, new cut. As one expects of a lyric poet. We look at the world once, in childhood. The rest is memory. </poem>