मानसिक स्वास्थ्य / यारसा डैली-वार्ड / श्रीविलास सिंह
यदि तुम जा रही हो
डिब्बा बंद मछली और बीन्स के साथ
एक गलियारे में जिसमे है
ऊपर मद्धम, चमकीली रोशनी और
नीचे टूटी हुई टाइलें
इस बोध के साथ कि व्यर्थ है ज्यादातर चीजें
और एकाएक अनुभव करती हो तीव्र इच्छा इस सब को ख़त्म कर देने की,
रुको मत। एक दोस्त को फोन करो।
अपनी मां, यदि वह है तो, को फोन करो
और यदि तुम उसे झेल सकती हो,
सुनो उसकी बात डिब्बा बंद मछली और बीन्स की
कीमत के बारे में।
बोलने वाली घड़ी से पूछो। जान लो
कि जो भी समय वह बताती है वही है वह समय
जब सब कुछ बदल जायेगा।
छोड़ दो मनहूस गलियारे को।
ऐसी किसी जगह न जाओ जहाँ वे बेचते हैं
मिठाइयाँ, चिप्स, शराब,
कुछ क्षणों का प्यार अथवा लॉटरी टिकट।
देखो कि गलियारे के बिलकुल बाहर ही
ढेर से लोग हैं भीतर से तुम से भी अधिक रिक्त,
जिनके आकाश हैं तुमसे भी अधिक अंधियारे।
अपने को तलाशो, क्योंकि किसी और को सुनने से
नहीं मिलती कभी कोई मदद।
यदि तुम उन लोगों में से एक हो जो
“भाग रहे हैं शहर के चारो ओर पागलों की भांति”,
लोग जो छलांग लगाते हैं ऊँची इमारतों से,
शीशे के अग्रभाग वाली इमारतें जिनमें नहीं होती पर्याप्त हवा,
यदि तुम असफल हो रही हो भुलाने में टूट चुकी कहानी को,
यदि तुम बंद रही हो एक दड़बे में बहुत लम्बे समय
एक बहुत ऊँचे टॉवर में एक
खतरनाक और ख़राब हालत में,
ढेर सारे टीवी चैनल्स और ढेर सरे टीवी डिनर्स के साथ।
जहाँ हैं ढेर सारे बिस्कुट, चॉकलेट
मिठाइयां, केक और ढेर सारी मदिरा,
पर नहीं है प्रेम मीलों और मीलों तक।
यदि तुम नहीं उठी समय से आज काम पर जाने को,
अगर आज बीत गया अपराह्न घंटों पहले
और तुम्हें जगाये हुए हैं ख़ामोशी,
यदि तुम्हें केवल इतना लगता है कि
किस तरह लेनी है साँस भीतर और बाहर
ठंडे होते गाढ़े तारकोल की लहरों की भांति।
यदि तुम चाह रही हो देर से
नीचे खींच लेना सूरज को अपनी
प्रार्थनाओं से,
छोड़ दो यह मनहूस बिस्तर।
धो डालो मनहूस दीवारों को, खोल दो
एक खिड़की
बारिश में भी। बर्फ गिर रही हो तब भी।
सुनो बाहर से आती चर्च की घंटियों की आवाज़।
जानो कि वे बजती हैं जीतनी भी बार
वह आधा ही है उन परिवर्तनों का
जो तुम्हें करने हैं।
बंद करो करना प्रयत्न मरने का। अपना समय पूरा करो यहाँ।
अपना काम करो।
साफ कर डालो फ्रिज।
दूर फेंको सोया मिल्क। सोया मिल्क
बना है बच्चों के आँसुओं से। रखो
कुछ फूल मेज पर। खड़ा करो उन्हें एक जग में।
काट डालो हरी सब्ज़ियाँ यदि कुछ हैं तुम्हारे पास।
जानो कि क्या तुम हो भूखी किसी चीज के लिए
पर सोच नहीं पा रही कि किस चीज के लिए,
अधिकतर तुम होती हो प्यासी मात्र
प्रेम के लिए
केवल ऊबी हुई ।
जब तुम्हारे शरीर में रक्त
थका सा लगे प्रवाहित होने में
तुम्हारी हड्डियाँ लगें भारी
खोखली होने के बावजूद
यदि तुम हो गयी हो तीस के पार की
उत्सव मनाओ
और यदि अभी नहीं हुई हो
आनंदित रहो। जानो कि आने वाला है समय
तुम्हारे जीवन में, जब बैठ जायेगा सब गर्दो-गुबार
और उभरेगा एक रंगीन चित्र इन्हीं रेखाओं से।
यदि तुम स्वप्न देखती हो शहर के
पर रहती हो ग्रामीण इलाके में
दूध दूहो गायों का।
बेचो भेड़ें।
जानो कि वे देंगी तुम्हें शुभकामनाएं
दूध के बर्तनों के साथ फोटो खिचवाना अथवा
दौड़ना पहाड़ों की हरी भरी चोटियों पर गिना जायेगा
किसी और के स्वप्नों की शुरुआत में।
देखो, वे कभी नहीं रोकेंगे तुम्हें।
यह केवल तुम थी, केवल तुम।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : श्रीविलास सिंह