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जामुन / राम करन

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पड़ोसी का जामुन,
हुआ जब बड़ा।
थोड़ा उधर बढ़ा,
थोड़ा इधर बढ़ा।

डालें गदराई,
पेड़ झबराया।
बौरा वह खूब,
मौसम जब आया।

काले-काले जामुन,
लटके पड़े।
कभी इधर गिरे,
कभी उधर गिरे।

बीन-चुन खाया
भुना न तला।
बड़ा मजा आया,
जो जामुन फला।