Last modified on 7 मार्च 2021, at 00:19

तुम्हारी देहरी पर ही / अनुराधा पाण्डेय

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:19, 7 मार्च 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनुराधा पाण्डेय |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तुम्हारी देहरी पर ही, मिला चिर प्यार प्रियतम का।
मिला दृढ़ वर्ष भर पथ में, अथक मनुहार प्रियतम का।
पुरातन वर्ष मैं तुमको, हृदय आभार देती हूँ
तुम्हारे अंक में पाया, अमर अभिसार प्रियतम का।