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तस्वीर / जमाल सुरैया / निशान्त कौशिक

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तीन थे जन एक बस स्टॉप पर
आदमी, औरत और बच्चा
जेब में हाथ डाले खड़ा था आदमी
औरत ने थाम रखा था बच्चे का नन्हा हाथ

आदमी उदास था
उदासी से भरे संगीत की तरह उदास

औरत खूबसूरत थी
ख़ूबसूरत यादों के मानिन्द ख़ूबसूरत

बच्चा, ख़ूबसूरत यादों की तरह उदास था
उदास संगीत की मानिन्द ख़ूबसूरत

मूल तुर्की भाषा से अनुवाद : निशान्त कौशिक