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तोंय राम बनोॅ / जटाधर दुबे

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कहै छै
राम फेरू अइतै
भारत में जनम लेतै
युग पीड़ा के हरतै
अन्याय, अधर्म सें लड़तै
यही आशोॅ में
हम्में भूली गेलोॅ छियै ई बात
ई रहस्य
कि राम एक आदर्श छेकै
राम एक सभ्यता, एक संस्कृति छेकै
जे एक आदमी से भगवान होय गेलै
जन मन के कंठोॅ में आपनोॅ सत्कर्म सें
संगीत बनी के बसी गेलै।
अनुकरणीय छै राम
ढालो राम के आपनोॅ जीवन में
राम नाम छेकै प्रेम के
त्याग, करूणा आरू तपस्या के
शौर्य, वीरता के प्रतीक पुरूष छेकै राम
अन्याय, अत्याचार, आतंक के विरोध में
मानवता लेली जें शस्त्र उठाबै छै
ऊ राम छेकै,
बाप के वचन राखै लेली
जें राजपाट छोड़ी केॅ जंगल-जंगल भटकेॅ
सब जन होय छै एक्के जैसनोॅ
बानर, भालू हुअेॅ कि शबरी, निषाद
समता के ई महान विराट पुरूष राम छेकै
तोंय राम बनोॅ।