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प्रार्थना / अनिरुद्ध प्रसाद विमल

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बिनती हमरोॅ सुनिहोॅ भगवान
तोरा शरणोॅ में हमरोॅ जान

विद्या रो दहु तोंय हमरा दान
गुरूजन के करियै आदर मान

संसारोॅ में जŸोॅ छै महान
वैसने बनै के देॅ वरदान

मानवता धरम बनैये हम्में
केकरो अहित नै करियै हम्में

जलावौं हम्में शिक्षा रो दीप
बुद्धि जेनां मोती भरलोॅ सीप

जियौं मरौं बस देशोॅ ले हम्में
जनसेवा के वर चाहौं हम्में

माय-बापोॅ के आदर सीखौं
भारत माय के चरणोॅ में झुकौं

हिमालय सन अडिग बनावोॅ हमरा
देश भक्ति रो पाठ पढ़ावोॅ हमरा

एैन्हेॅ कृपा करोॅ हे दयानिधान
शिवा-भगत रो साहस देॅ भगवान