भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

छाता / नारायण झा

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:54, 19 मई 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नारायण झा |अनुवादक= |संग्रह=बौआ ठो...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जे बरखा-रौद बचाबै छै
सुन्दरतासँ ललचाबै छै
अपना सभहक देहक ऊपर
छाता नाम कहाबै छै

सभरंगा छाता आनि दियs
चलत काज नै जानि लियs
जखने टिपटिप बरखा बरिसै
माथक ऊपर ई तानि लियs।