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लड़की को नसीहत / रणवीर सिंह दहिया

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सीधा जाणा सीधा आणा तड़कै सांझ माँ मनै समझावै॥
गली गोरे मैं मत हांसिये बिठाकै रोजाना धमकावै॥
1
मां मेरी मनै घणा चाहवै मेरी घणी करै सम्भाल दखे
जो सीख्या उसनै माँ पै सिखाया चाहवै तत्काल दखे
अपणे बरगी गउ काली मनै आज बनाया चाहवै॥
2
इसमैं कसूर नहीं उसका उसने दुख ठाया सै भारया
मास्टरनी होकै बी उसनै नहीं कदे घुंघट तारया
कहै यो सै इज़्ज़त म्हारी जिनै तारया उनै बिसरावै॥
3
बोली बीर की जात नीची या मर्द जात उंची हो सै
जो बीर करती मुकाबला उसका लाजमी खोह सै
सारे गाम मैं बीर इसी मुुंह ठड की उपाधि पावै॥
4
बोली भूल कै बी करिये मतना बराबरी तूं भाई की
रोटी चटणी खाणा सीख मत देखै बाट मलाई की
मेरा भला चाहवै अक बुरा सोच कै बुद्धि चकरावै॥