भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मैं नया नही हूँ / पुरूषोत्तम व्यास

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:52, 20 जून 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पुरूषोत्तम व्यास |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैं नया नही हूँ
जो इस जग के बारे में
कुछ नया कहूँ..

जीना और दुख पी जीना
बडा ही कठिन