भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अच्छा हुआँ / पुरूषोत्तम व्यास
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:58, 20 जून 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पुरूषोत्तम व्यास |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
अच्छाँ हुआँ
कविता प्रकाशित नही की
कविता इस लायक ही नही थी
उसका प्रकाशन किया जायें
क्योकि तुमकों मालूम नही
यह कविता सिर्फ तुम्हारें लिए ही
लिखी थी
और उसे कोई दुसरा
कैसे पढ़ सकता