Last modified on 22 जून 2021, at 22:46

एहसास / सुदर्शन रत्नाकर

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:46, 22 जून 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुदर्शन रत्नाकर |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तुम्हारे हृदय को छूकर
लौटते हुए एहसास
मेरी साँसों में समा जाते हैं
तुम दूर हो मुझसे, बहुत दूर
पर तेरे-मेरे ये एहसास
एक हो जाते हैं
मैं तुझमें समा जाती हूँ
तुम मुझमें समा जाते हो।