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हवा चली / श्रवण कुमार सेठ

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हवा चली
तो पेड़ हिले
या पेड़ हिले तो
हवा चली

पेड़ हिले तो
देखा सबने
हवा चली तो
देखा किसने।

पेड़ हिले पत्ते
लहराए
हवा हमे छू छू
कर जाए।