भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कट गया दिन / रामचन्द्र ’चन्द्र भूषण’

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:06, 13 अगस्त 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामचन्द्र ’चन्द्र भूषण’ |अनुवाद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कट गया दिन
कट गया ।
शीर्षकों-उपशीर्षकों में
बेवजह मन बँट गया ।

बीज बंजर में
नए बोते गए
और अपने-आप में
कुछ और हम होते गए

हाथ के आगे
उँगलियों का तकाज़ा
घट गया ।

डायरी में लिखी
कुछ मजबूरियाँ
शब्द के जूठन निगोड़े
और कुछ नज़दीक वाली दूरियाँ

एक टुकड़ा भर गलीचा
सूँघता
चौखट गया !