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कामयाबी गुमान है प्यारे / विजय वाते

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कामयाबी गुमान है प्यारे।
कुछ दुकानों की शान है प्यारे।

तू अगर शेर, वो शिकारी है,
उसकी ऊँची मचान है प्यारे।

दिल से दिल का ही सच्चा रिश्ता है,
तू मकीं वो मकान है प्यारे।

मेरे अशाअर तुम सुनो तो सही,
सब तुम्हारे बयान है प्यारे।

नुक़्ताचीनी,, ज़लन, बुराई तो,
कामयाबी की शान है प्यारे।

शेर मक़्ते का कह रहा हूँ 'विजय'
मेरी अपनी दुकान है प्यारे।