Last modified on 20 अक्टूबर 2021, at 08:01

बादल (१९३१) / एल्वी सिनेर्वो / सईद शेख

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:01, 20 अक्टूबर 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=एल्वी सिनेर्वो |अनुवादक=सईद शेख |...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बादल मेरे ऊपर मण्डरा रहे थे
जैसे कि सपने जो मैंने बचपन में देखे थे
जैसे कि वे दिन जो मैंने जीए थे ।

बादल मेरे ऊपर मण्डरा रहे थे,
हवा आई और उसने उन्हें बिखरा डाला ।
और मैंने उन्हें फिर नहीं देखा

मूल फ़िनिश भाषा से अनुवाद : सईद शेख