भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चंद्रसखी

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:28, 17 नवम्बर 2021 का अवतरण (कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ)

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चंद्रसखी
Photo-not-available-cam-kavitakosh.png
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें

जन्म विक्रम संवत की 16 वीं सदी का उत्तरार्ध
निधन
उपनाम
जन्म स्थान राजस्थान
कुछ प्रमुख कृतियाँ
चन्द्रसखी रा भजन (1950), चन्द्रसखी और उनका काव्य
विविध
कृष्ण की सगुण भक्ति शाखा की कवि, जो कृष्ण भजन बनाकर गाती थीं। इन पदों को उनकी ही रचनाएँ माना जाता है। ये भी हो सकता है कि ’सखी सम्प्रदाय’ के किसी कवि ने अपना उपनाम ’चन्द्रसखी’ रख लिया हो। प्रेमाधिक्य में किसी कवि ने ख़ुद को राधा की प्रिय सखी चन्द्रसखी मान लिया होगा। राजस्थान में चन्द्रसखी के भजनों को मीरा के भजनों से ऊँचा स्थान प्राप्त है। हालाँकि उत से लोगों का मानना है कि चन्द्रसखी के नाम से जो भजन मिलते हैं, वे मीरा के ही पद हैं। दोनों कवियों के न केवल विचार मिलते हैं, बल्कि शब्दावली में भी बहुत समानता है।
जीवन परिचय
चंद्रसखी / परिचय
कविता कोश पता
www.kavitakosh.org/

कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ