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लिहौरा / त्रिलोकीनाथ दिवाकर

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लिहौरा करै छिहौं ते सिंगरै छो
बालू के भीतो रंग मिंघरै छो
भोथो छूरी भोथो कैची
बिना पिजैनें चींरगै छो,
लिहौरा करै छिहौं ते सिंगरै छोे।

आपन्है मँुहों में आपनो मिट्ठो
उठतें-बैठतें लै छिहौ नाम
कुच्छू कहै छिहौं तिरगैं छो,
लिहौरा करै छिहौं ते सिंगरै छो।

घमंड नै करो तों अपना पर
राखो गुणों के झपना तर
दोसरा चुल्हा पर खरगैं छो,
लिहौरा करै छिहौं ते सिंगरै छो।