भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
ज्ञान पहेली / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:34, 28 नवम्बर 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर' |अनुवादक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
हरा-हरा पंख जेकर, लाल-लाल ठोर
पिंजरा सेॅ बोलै छ,ै भोर-होलै भोर
जेकरा छै बढिया सन घोॅर नै खोता-की छिकै?
बाघ केरो मौसी, घरे-घर मेॅ घूसों
म्याऊं-म्याऊं बोली के पकड़ै छै मूसों
जैसनांे छै पटना, वैहिनें दिल्ली- की छिकै?
हरदम जे आक्सीजन छोड़ै
देवता-पीत्तर लै सब तोड़ै
रोज चिबाबोॅ हुलसी-हुलसी- की छिकै?