भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
काव्यात्मक अतृप्ति / शशिप्रकाश
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:45, 16 जनवरी 2022 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शशिप्रकाश |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKav...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
चाहकर भी समय न निकाल सका
उदास कविताओं के लिए I
इसलिए भी शायद
ग़लतियाँ होती रही हों
पर जीवन बना रहा एक प्रयोग,
एक निष्क्रिय प्रतीक्षा नहीं I
ठण्डे दिनों से टकराता है
एक गर्म हृदय
और दबाव घट जाता है
उदासी का
और तूफ़ान का जन्म होता है !