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भैँचालाको सवाई (पहिलो भाग) (१-३) / धनवीर भँडारी
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जानी न जानी कथक जोऱ्याको ।
धावाको समाचार जाहेरि गऱ्याको ।।
थियो सन् अठार चौरानब्बे साल ।
अलीकती सुन्नु हवस् दुश्मनको हाल ॥३॥