Last modified on 8 फ़रवरी 2022, at 08:35

नेपाल हाम्रो घर / कृष्णप्रसाद पराजुली

Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:35, 8 फ़रवरी 2022 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कृष्णप्रसाद पराजुली |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जोड्यौँ गौरवमानका सिलसिला
उक्ल्यौँ उकालै पनि
नेपाली वसुधा सुधाम्य भयो
यै घाम छाया पनि

के भो यन्त्र टुट्यो, सबै चुड्यो
भेटिन्न आफ्नो भर
बेहाल हुनुहुन्न, छर्छ हिय
नेपाल हाम्रो घर