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नेपाल हाम्रो घर / कृष्णप्रसाद पराजुली

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जोड्यौँ गौरवमानका सिलसिला
उक्ल्यौँ उकालै पनि
नेपाली वसुधा सुधाम्य भयो
यै घाम छाया पनि

के भो यन्त्र टुट्यो, सबै चुड्यो
भेटिन्न आफ्नो भर
बेहाल हुनुहुन्न, छर्छ हिय
नेपाल हाम्रो घर