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तसल्ली / हर्षिता पंचारिया
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मैं एक चाकू की तरह हूँ
पर वो चाकू !!
जो घर के अन्य सभी धारदार चाकूओं के साथ रखा है
बिल्कुल बे धार है
मैं जानती हूँ मेरा होना उपयोगी नहीं है
पर तुम्हें इस बात की तसल्ली होनी चाहिए कि तुम कटोगे नहीं