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बाबिय यार / येव्गेनी येव्तुशेंको / अनिल जनविजय

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बाबीय यार में कोई स्मारक नहीं है
वहाँ एक ऊँची ढलवाँ चट्टान खड़ी है
किसी क़ब्र पर लगे
उदास और ऊबड़-खाबड़ पत्थर की तरह ।

मुझे डर लग रहा है
मैं उतने ही बरस का हो गया हूँ
जितनी पुरानी है यहूदी क़ौम ।
अब मुझे लग रहा है —
यहूदी हूँ मैं भी ।
देखो, भटक रहा हूँ प्राचीन मिस्र में
और अब देखो, मुझे लटका दिया गया है सलीब पर,
मर रहा हूँ मैं
अभी तक मेरे शरीर पर हैं
मुझमें ठोंकी गई कीलों के निशान ।

मुझे ऐसा लग रहा है कि
मैं ही हूँ अलफ़्रेड ड्रैफ़िस
जंगली और असभ्य थे वे लोग
झूठी मुख़बिरी करने वाले और मुझे सज़ा देने वाले।
मुझे सलाखों के पीछे डाल दिया गया
मुझे बाड़े में बन्द कर दिया गया
मुझे पीटा गया और सताया गया
थूका गया मुझपर
और बेहद बदनाम किया गया बिना किसी वजह के
ब्रसेल्स की झालरों से सजी पोशाकों वाली औरतों ने
चीख़ते-चिल्लाते हुए मेरे चेहरे को कोंचा अपनी छतरियों से ।
मैं बेलास्तोक का वह बच्चा हूँ
ख़ून बह रहा है जिसका, फैल रहा है फ़र्श पर ।

शराबख़ाने में बैठे मवाली
हंगामा कर रहे हैं हैं उन्माद में
चारों ओर वोदका और प्याज की बू फैली है।
मुझे जूतों तले कुचला गया है, मैं जर्जर और कमज़ोर हो चुका हूँ
मैं दंगाइयों से दया की भीख माँग रहा हूँ
और वे दहाड़ रहे हैं —
" मारो यहूदियों को मारो, रूस को बचाओ"
ये फेरीवाले बलात्कार कर रहे हैं मेरी माँ के साथ ।

ओ, मेरी रूसी जनता !
मैं जानता हूँ —
तू तो स्वभाव से ही अन्तरराष्ट्रीयवादी है
लेकिन अक्सर वे लोग
जिनके हाथ ख़ून में सने हुए हैं
तुम्हारे साफ़-सुथरे और पवित्र नाम पर भी लीपापोती करते हैं।

मुझे मालूम है कि यह ज़मीन कितनी दयालु है
पर कितनी नीच बात है
कि वे यहूदी-विरोधी अधम लोग
ख़ुद को ऊँची आवाज़ में
"रूसी जनता का सहयोगी" बताते हैं
और ऐसा करते हुए उनका एक रोंया भी नहीं काँपता ।

मुझे लगता है कि जैसे मैं —
ऐनी फ़्रांक हूँ —
किसी टहनी की तरह
अप्रैल के महीने में पूरी तरह से पारदर्शी ।
मैं भी प्यार करता हूँ
कुछ भी कहने की ज़रूरत नहीं है
कुछ बताने की भी ज़रूरत नहीं
बस, एक-दूसरे की आँखों में झाँकने की ज़रूरत है
वैसे भी एक-दूसरे को अपनी बाहों में बाँधने के बाद
बहुत कम कुछ भी दिखाई देता है
तब पत्तियों की ज़रूरत नहीं होती
तब खुले आसमान की भी ज़रूरत नहीं पड़ती
लेकिन फिर भी हम बहुत कुछ पा सकते हैं —
किसी अन्धेरे कमरे में एक-दूसरे को
अपनी बाहों में लेकर कोमलता के साथ ।

क्या वे आ रहे हैं ?
डरो मत — वे मानवरूपी भेड़िए हैं
वसन्त आ गया है
और वे आ रहे हैं।
तुम यहाँ मेरे पास आओ
फ़ौरन अपने होंठ मेरी तरफ़ बढ़ाओ ।
वे दरवाज़े तोड़ रहे हैं ?
नहीं... नहीं... यह तो बर्फ़ीली हवा है ।

बाबिय यार पर
जंगली जड़ी-बूटियाँ सरसरा रही हैं
पेड़ ख़तरनाक ढंग से भड़भड़ा रहे हैं
मानो फैसला करना चाहते हों
यहाँ चुप्पी छाई है और चारों तरफ़ शोर है
जैसे सब चुप रहकर भी चिल्ला रहे हों
मैं टोपी उतार लेता हूँ
और महसूस करता हूँ कि
कि मेरे बाल धीरे-धीरे सफ़ेद हो रहे हैं
और अब मैं भी पूरी तरह से ख़ामोश एक चीख़ बन गया हूँ
वहाँ दफ़्न हज़ारों-हज़ार लोगों की तरह ।
मैं ही वह हर बूढ़ा हूँ
जिसे यहाँ गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया गया
मैं ही हर वह बच्चा हूँ
जिसे गोली मारकर हमेशा के लिए दफ़ना दिया गया ।
मेरे मन में इसकी याद हमेशा बसी रहेगी ।

’इण्टरनेशनल’ गीत को
गरजने दो तब तक
जब तक की ज़मीन में दफ़्न नहीं हो जाए हमेशा के लिए
यहूदियों का विरोध करने वाला हर आदमी।

मेरी नसों में नहीं दौड़ता यहूदी ख़ून
लेकिन यहूदी-बैरियों से भारी नफ़रत करता हूँ मैं
एक यहूदी की तरह
और इसीलिए मैं
एक असली रूसी हूँ ।

1961