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रेपिस्ट्स लिस्ट / नेहा नरुका

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मैंने अधेड़ देहों में वे आँखे देखीं
जो वासना में तैर रही होती थीं
इन देहों के मालिकों ने इन्हीं आँखों से माताओं को देखा
बहनों को देखा
प्रेमिकाओं को देखा
देखा नन्हीं बच्चियों को भी ...
 
वे बच्चियां जो माँ के दूध का स्वाद तक न भूली थीं
उन बच्चियों को ये एकान्त में ले गए
और अपना 'उत्तेजित लिंग' सहलाने को कहा
इन्होंने उनकी निष्क्रिय छातियों को भी छुआ
वे, बस, इतना ही समझीं यह कोई डरावना खेल है
इंजेक्शन और कड़वी दवाई से भी ज्यादा पीड़ा पहुँचाने वाला खेल!
 
इनके चेहरे, कपड़े और परफ़्यूम की महक से लगता
ये बड़े सज्जन, सीधे और दयालु हैं
पर ये थे शातिर, बेरहम और घिनौने
इनकी छुअन ऐसी थी कि जिन जगहों को इन्होंने एक बार छू लिया
वे आज तक 'बास' मार रही हैं
इनकी पत्नियाँ रोज़ उसी बास में सांस लेती हैं, रोटी खाती हैं और नींद भी पूरी करती हैं
 
इन्होंने अपने घर की औरतों के हिस्से का भोजन ख़ुद डकार लिया
फिर भी रहे उम्र भर भूखे
उम्रभर धुले, चमकदार और प्रेस किए कपड़े पहने
पर रहे उनमें नंगे
ये बचपन खा गए न जाने कितने
फिर भी इनका नाम दर्ज रहा मनुष्यों की सूची में ।