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आस्था - 16 / हरबिन्दर सिंह गिल
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आखिर क्या कारण है
मानव की आस्था
प्रश्न-चिन्ह बनकर रह गई है
जबकि यह तो
उत्तर होना चाहिये
एक संपूर्ण उत्तर
मानवता के हर प्रश्न का।
यह तभी संभव होगा
जब मानव स्वयं को
समझने की कोशिश करेगा
और अपनी आस्था को
पूर्णतः समर्पित कर देगा
माँ-मानवता के चरणों में।
यदि ऐसा हुआ, देखोगे
मानवता की प्यासी आत्मा को
मिलने लगी है, राहत
वैसे ही, जैसे रेगिस्तान में
दे जाए दिखाई, बूंद पानी की।
अगर यह नहीं हुआ
आस्था के अभाव में मानव
प्यासा मर जाएगा
क्योंकि मानवता की उपेक्षा
खारे पानी से ज्यादा
और कुछ भी नहीं है।