भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
ज्वलित / लैंग्स्टन ह्यूज़ / अमर नदीम
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:22, 28 अप्रैल 2022 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लैंग्स्टन ह्यूज़ |अनुवादक=अमर नद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
सुनहरे पतंगे को नहीं था प्यार उससे
अतः वह सुन्दर कीट उड़ गया दूर ।
पर सलेटी पतंगा मण्डराता रहा लौ पर
भोर होने तक ।
और तब एक निष्प्राण कामना सरीखे पंखों सहित
जलते हुए वह समा गया उसी लपट में ।
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अमर नदीम
—
लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
Langston Hughes
Fire-Caught
The gold moth did not love him
So, gorgeous, she flew away.
But the gray moth circled the flame
Until the break of day.
And then, with wings like a dead desire,
She fell, fire-caught, into the flame.