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पथ-प्रदर्शक / बाद्लेयर / मदन पाल सिंह

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वे उज्ज्वल तेज से भरी, पथ दिखाने वाली आँखें
एक परी के ज्ञान और उसकी सुन्दरता की दीप्ति से प्रकाशित ।
वे विचरती हैं दिव्य भाइयों के साथ
जो मेरी ही तो दो आँखें हैं
इस तरह वे अपनी चमक से मेरे नयनों को ज्योति और प्रेरणा देती हैं ।

ये मेरी पथ-प्रदर्शक<ref>फ़्रांसीसी महिला अपोलोनी साबातिए के सौन्दर्य ने अनेक कलाकारों को प्रभावित किया। उन्हीं के सौन्दर्य में आकण्ठ डूबे बाद्लेयर ने उन पर अनेक कविताएँ लिखी हैं।</ref> !
जो पाप, प्रपञ्च और छल के भँवर से बचाकर
सौन्दर्य के पथ पर चलना सिखलाती हैं ।
ये नयन मेरे दिव्य रक्षक और मैं इनका एक तुच्छ दास
मैं तो, बस, इनकी प्रेरणा और ज्योति का आज्ञापालक हूँ ।

इन प्यारी आँखों में रहस्य से भरी
ज्योति जला करती है ।
भरी दोपहरी में जलने वाले दिये की तरह
सूर्य का तेज भी इस विलक्षण ज्योति को
कभी, कहाँ बुझाता है !

जिस दौरान दिये मौत पर जलते हैं
तुम उषा के गीत गाते हुए चलती हो
और मेरी आत्मा को जगा देती हो अपने गीतों से ।
इस ज्योति की चमक को कोई भी सूरज
कहाँ फीका कर सकता है !

अँग्रेज़ी से अनुवाद : मदन पाल सिंह

शब्दार्थ
<references/>