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हंसी / अमिता दुबे

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हंसी कई तरह की होती है
फीकी हंसी मीठी हंसी
पैनी हंसी, तीखी हंसी

कोई दाँत निकालकर हंसा
कोई दाँत दबाकार हंसा
कोई खींसे निपोरकर हंसा
कोई भौवें सिकुड़कर हंसा
मतलब केवल हंसने से है

सबसे खतरनाक होती है
व्यंग्य की हंसी
क्योंकि
वह सामने वाले को
धराशायी करती है
होठों ही होठों में वार करती है