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प्रीत / चंद्रप्रकाश देवल

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जिणनै अेकर उचारियां ई
व्है सकै मुगती
वौ अण-उचारियोड़ौ पड़्यौ हौ

झोयला रै टोपा माथै पड़ती किरण ज्यूं
न्यारा-न्यारा रंगां में पळकतौ
समोलिया री जात
अढाई आखरां वाळौ
वौ सबद पड़ियौ हौ
अनाथ
जिणनै कोई थूकग्यौ हौ पीक रै आंगै

वौ पड़्यौ हौ
जिकौ अजताईं नीं किचरीज्यौ
टैंक रै पैड़ा हेटै आय
नीं बह्यौ किणी पूर री झाट
नी बळ्यौ किणी लाय री झाळ
आवगी दुनियां रौ घणमोलौ सबद
चौवटै पड़यौ हौ
निजरां धकै
वौ पड़्यौ हौ
अर लोग उण सूं अजांण
उणरै कनै कर जावता हा नटाटूट
कांईं ठाह किसी माया री भाळ में

वौ पड़्यौ हौ
साव सूनौ
अर बीसेक पावंड़ा धकै लुगायां
बड़लौ पूजती ही

वौ पड़्यौ हौ
अर सूरज उणी गत
आपरी भागमभाग में गरक हौ

वौ पड़्यौ हौ
अर उणनै अणदेख्यौ कर
नवी परणी सासरै जावती ही मुळकती
कांई ठाह किण रै पांण

वौ पड़्यौ हौ
अर लोग आपरी गतमत में घांण
जुद्ध री नवी तरकीबां अर कारण हेरता
कांईं ठाह क्यूं हंसै हा

वौ पड़यौ हौ लावारिस
अेक उडीक में जरू
छांनौ-मांनौ सौचतौ
के वौ हाल ही कांम री चीज है।