Last modified on 17 जुलाई 2022, at 15:53

ओळख रै चांनणै / चंद्रप्रकाश देवल

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:53, 17 जुलाई 2022 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चंद्रप्रकाश देवल |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

नीं कीं लेण-देण
नीं कोई मांग-तांग
तौ ई म्हैं आवण री करूं वार-वार
थारै द्वार

जद कद तूठै कांयस
जद कद खूटै थ्यावस
म्हारै आवण री जचै हरेक दांण
थारै द्वार

ज्यूं म्हे जावां वारंवार
क्लासिकां कनै
नवै समियै अरथवांन व्हैण नै
पेड़्योड़ै बगबत सामरथवांन व्हैण नै
कठै ई थूं वौ इज तौ कोनीं!