Last modified on 26 जुलाई 2022, at 05:50

मा : पांच / कृष्णकुमार ‘आशु’

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:50, 26 जुलाई 2022 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जद भी जांवतौ सै'र
ताकती रैंवती
मा री आंख्यां
बारणै कान्नी
म्हारै पाछो आवण तांई।
म्हनै लागतो
कै घर सूं बारै भी
म्हारो कित्तो
ध्यान राखै मा।