भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अगर / तेमसुला आओ / श्रुति व माधवेन्द्र

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:21, 12 अक्टूबर 2022 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तेमसुला आओ |अनुवादक=श्रुति व यादव...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अगर ज़ख़्म बोल सकता,
तो किस भाषा का करता प्रयोग
किस न्याय की करता तलाश
किसे देता दोष
अत्याचारी को
उसकी ताक़त के लिए
या पीड़ित को
उसकी कमज़ोरी के लिए ?

अँग्रेज़ी भाषा से अनुवाद : श्रुति व यादवेन्द्र