भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

एकाकार / सुधा एम. राई

Kavita Kosh से
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:23, 12 जनवरी 2023 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= सुधा एम. राई |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिजोआज
लेखी सिद्धाएपछि
मलाई
हर कविताले
प्राण माग्छ,
जीवन माग्छ,
प्रेम माग्छ,
खुशी माग्छ अनि
मृत्यु माग्छ।
यसरी, रित्तिएर
खालीपनमा