बहुत कष्ट में है यह किंकर
दया करो हे भोले शंकर
औढरदानी तुम कहलाते
सबकी विपदा दूर भगाते
अपने तो रहते कुटिया में
भक्तों को सोपान चढ़ाते
एक दृष्टि अब मुझपर दे दो
कष्टग्रस्त हूँ बहुत भयंकर
दया करो हे भोले शंकर
हाथ जोड़ मैं करूँ याचना
पूरे जग से मिली वंचना
एकमात्र रक्षक तुम शिव हो
आर्तभाव से करूँ अर्चना
देख कुटिलता हृदय त्रस्त है
यह जग तो अब लगता नश्वर
दया करो हे भोले शंकर
मन की सभी कलुषता हर लो
श्रेष्ठ भाव ही मुझमें भर दो
नाम जपूं मैं हरदम बमबम
कृपा मात्र इतनी तुम कर दो
यह जीवन निस्सार रहा है
भक्ति-सुधा भर दो प्रलयंकर
दया करो हे भोले शंकर