Last modified on 14 नवम्बर 2008, at 06:00

श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन / भजन

99.228.237.92 (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 06:00, 14 नवम्बर 2008 का अवतरण

रचनाकार: गोस्वामी तुलसीदास (१४९७-१६२३; अंग्रेज़ी: Tulsidas)                 

श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम् ।
नवकञ्ज लोचन कञ्ज मुख कर कञ्ज पद कञ्जारुणम् ॥ १॥

कंदर्प अगणित अमित छबि नव नील नीरज सुन्दरम् ।
पटपीत मानहुं तड़ित रुचि सुचि नौमि जनक सुतावरम् ॥ २॥

भजु दीन बन्धु दिनेश दानव दैत्यवंशनिकन्दनम् ।
रघुनन्द आनंदकंद कोशल चन्द दशरथ नन्दनम् ॥ ३॥

सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदार अङ्ग विभूषणम् ।
आजानुभुज सर चापधर सङ्ग्राम जित खरदूषणम् ॥ ४॥

इति वदति तुलसीदास शङ्कर शेष मुनि मनरञ्जनम् ।
मम हृदयकञ्ज निवास कुरु कामादिखलदलमञ्जनम् ॥ ५॥