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उष्ण हेमन्त बन बैठा / अंजनी कुमार सुमन

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उष्ण हेमन्त बन बैठा
अचानक संत बन बैठा

जिसे कहते रहे डाकू
वही अरिहंत बन बैठा

बताया था गया जिह्वा
छुआ तो दंत बन बैठा

किया शुरूआत था जिससे
उसी से अंत बन बैठा

नहीं आया ग़ज़ल लिखने
मगर दुष्यंत बन बैठा