Last modified on 12 मई 2023, at 00:04

बौद्धिकता / ललन चतुर्वेदी

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:04, 12 मई 2023 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ललन चतुर्वेदी |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कुछ लोग गाल बजा रहे थे
कुछ ने साध ली थी चुप्पी
एक बौद्धिक गुंगों की गोष्ठी में
बौद्धिकता से आतंकित कर रहा था
तभी रामजी बाबा जोर से चिल्लाए-
"बड़ पढ़ुआ से बड़ भड़ुआ।"