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टमाटरों के लिए क़सीदे / पाब्लो नेरूदा / तनुज

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गर्मियों के दोपहर —
टमाटरों से भरी मिलती हैं
तमाम गलियाँ,

रौशनी जहाँ
अधियाई हुई है
किसी टमाटर की तरह;

और इसके अर्क फैलते जाते हैं
 तमाम कूचे में...

दिसम्बर में तो
अक्षीण —
रसोईघरों तक फैलाते हैं
वे अपना साम्राज्य
और
मध्याहन-भोजन में भी
पा जाते हैं प्रवेश ।

बेंचों पर,
ग्लोसों के बीच,
मक्खनी व्यंजनों के ऊपर,
नमक के नीले तहख़ानों में,
वे सब फ़रमाते हैं आराम ।

और,
अपने सौम्य कारुणिक वैभव के साथ
छोड़ते जाते हैं
अपना ही प्रकाश


तनुज द्वारा अँग्रेज़ी से अनूदित