Last modified on 1 जुलाई 2023, at 00:24

बेरहम हवा / रणजीत

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:24, 1 जुलाई 2023 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रणजीत |अनुवादक= |संग्रह=कविता-समग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बहती है बेरहम हवा पतझार की
उमग सर्द सिहरन-सी आती याद तुम्हारे प्यार की
पीले पीले पत्ते इसमें झर धीरे से झूलते
तभी असह हो उठती मुझको कटुता मेरी हार की।