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नीली आँखों वाली औरत का लड़का / प्रभात

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नीली आँखों वाली औरत का लड़का
आज मर गया

बाईस साल के सुन्दर छरहरे लड़के के
शव के चेहरे पर कपड़ा डाल रही है पुलिस
एक और पुलिसवाला ढँक रहा है छलनी हाथ को
जिन्हें कुछ काम नहीं उन लोगों की
थोड़ी भीड़ भी जुट गई है
बाक़ी, वक़ील कचहरी जा रहे हैं स्कूटर या कार से
बीमाकर्मी और बैंककर्मी, व्यापारी और ठेकेदार
बसें रिक्शे ताँगे सब जा रहे हैं अग़ल बग़ल से
अपने - अपने सफ़र पर
चाय - बीड़ी - सिगरेट पीने वाले
चाय - बीड़ी - सिगरेट पी रहे हैं
गन्ने का रस पीने वाले गन्ने का रस
पुलिस फ़ोन कर रही है किसी को
लाश उठाने के लिए
नीली आँखों वाली औरत के लड़के को
गंगापुर के बाज़ार में गोली मार दी गई

सुनकर गाँव में यह ख़बर
क्या बीत रही है नीली आँखों वाली औरत पर
या कुछ भी नहीं बीत रही है उस पर
वह, बस, चली गई सरपंच के घर
पूछ रही है उससे —
तुमने तो कहा था — मेरी रखैल रहोगी अगर
कुछ नहीं बीतेगी तुम पर
फिर लड़का कैसे मर गया
तुम्हारे काम करते हुए मर गया मेरा लड़का
तुम्हारे इशारे पर लोगों को उठाते हुए
तुम्हारे इशारे पर लोगों के हाथ - पैर तोड़ते हुए
और क्या वह तुम्हारा भी लड़का नहीं था
 
कैसे कह सकती हो कि वह
मेरा ही था
तुम न जाने किस - किसकी रखैल हो
अपने पति को तो तुमने
ब्याह की रात ही
पागल क़रार देकर भगा दिया
वह न जाने कहाँ किस गाँव में
लोगों के मवेशी चराता - फिरता है
तुम अपने पति की सगी नहीं रही
मेरी कैसे हो सकती हो
यह लड़का मेरा ही था
दावे के साथ कैसे कह सकती हो

नीली आँखों वाली औरत लौट आई
जनप्रतिनिधि से यह सब सुनकर
लड़के के शव को जलाया जा रहा है
वह फूस की छान तले बैठी है
इधर औरतें दाह में शामिल नहीं होने दी जाती है