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काले रंग की पॉलीथीन / पूनम सूद

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उसे लत पड़ चुकी थी
प्लास्टिक थैली में सौदा खरीदने की
मैंने कई बार उसे समझाया, फिर
सूती सफेद हल्के कपड़े का थान ले आया,
कहा-' जितने झोले बनाने हैं,
इससे बना डालो, परन्तु
इन काली पन्नियों से विदा लो।'

आखिरकार बैन हो गई पॉलीथीन!
पर, घर में हमारे पुरानी सहेजी
प्लास्टिक की थैलीयाँ, चलती रही
वे कहती-' काली पन्नी है सुविधाजनक
न कुछ दिखता, न लीक होता
देर तक फ्रिज़ में रखा सामान
इसमें ताजा़ बना रहता।'

अकसर समझाता कि मेरे लाये
सफेद कपड़े के झोले बना लो;
वे तर्क देती-' इतने पतले कपड़े के कहीं झोले बनते हैं?
रखा कपड़ा काम आ जायेगा
आप क्यों नहीं समझते हैं।'

हठी थी, नहीं छोड़ा प्लास्टिक;
नियति के आदेश पर, मेरे लाये सफेद सूती कपड़े का पहन कफ़न
दुनिया छोड़, चल बसी।

अब मैं सहेज रखता हूँ, काली पन्नी में, उसकी यादों को
जिससे बाहर न दिखे, न लीक हो, बनी रहे ताज़ा देर तक,
दिल के अंदर।