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पंख / पूनम सूद

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आसमान की परी ने
किया था गंधर्व प्रेम विवाह
धरा के प्राणी से

रोज रात, वे पृथ्वी पर आती,
पंख बाहर उतार रख देती
घर के भीतर एक आम स्त्री बन
पत्नी धर्म निभाती-और,
भोर होते आसमान में उड़ जाती

स्वार्थ प्रेम में डूबा आदमी
चाहता था उसका साथ हर दम
एक रात उसने जला डाले
परी के पंख

बचपन में सुनी कहानी का,
हो आया आज स्मरण
जब पढ़ने की शौक़ीन
उन्नीस वर्षीय कमला की
उसके प्रेमी पति ने
जला दी पुस्तकें