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रेखाएं / वंदना मिश्रा

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इस बार वह ज्योतिषी
बन पूछता है
कोई तो प्रेम है जीवन में
रेखाएँ बता रही हैं
मैं पूछती हूँ
वो कौन ईश्वर है
जो सिर्फ़ रेखाओं में
प्रेम देता है