निराले में, रौंदी हुई सड़क के किनारे
नामालूम पौधा
सर उठा कर टोह लेता है
कंकरीट के नीचे दबा हुआ जंगल
इस समूचे शहर को
एक दिन
निगल जाने का अवसर ताकता है।
निराले में, रौंदी हुई सड़क के किनारे
नामालूम पौधा
सर उठा कर टोह लेता है
कंकरीट के नीचे दबा हुआ जंगल
इस समूचे शहर को
एक दिन
निगल जाने का अवसर ताकता है।