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जो काला धन विदेश में है / हरिवंश प्रभात

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जो काला धन विदेश में है, लाने की पहल तो हो।
कानून कड़े संसद में बनाने की पहल तो हो।

चीन, अमेरिका, भारत को बनाने पर तुले नेता,
मगर भारत को भारत ही बनाने की पहल तो हो।

कैसे होगी बंद लड़ाई निरीह जनता की अब,
जड़ से समस्याओं को मिटाने की पहल तो हो।

गीदड़ भभकी से क्यों डरेंगे शेर कभी जंगल के,
हमेशा स्वच्छ प्रशासन, चलाने की पहल तो हो।

भ्रष्टाचार पर ‘अन्ना’ का पहला गर पड़े पत्थर,
उस पर करोड़ों पत्थर बरसाने की पहल तो हो।

अगर यह देश ने बक्शा है आज़ादी का जीवन,
तो फिर इस देश का कर्ज़ा चुकाने की पहल तो हो।

हर युग में मसीहा एक ही अवतार होता है,
तो फिर ‘प्रभात’ आन्दोलन बढ़ाने की पहल तो हो।