उसी हर्षोन्माद में पागल तुम
नाच रहे हो
एक प्रेत छाया की तरह
विचारों व भंगिमाओं के प्रति
तटस्थ
मुक्ति की इच्छा को
बहकाते हुए
उसी हर्षोन्माद में पागल तुम
नाच रहे हो
एक प्रेत छाया की तरह
विचारों व भंगिमाओं के प्रति
तटस्थ
मुक्ति की इच्छा को
बहकाते हुए