भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
स्वांग / आन्द्रे वैल्ते / योजना रावत
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:07, 14 जनवरी 2024 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=आन्द्रे वैल्ते |अनुवादक=योजना रा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
उसी हर्षोन्माद में पागल तुम
नाच रहे हो
एक प्रेत छाया की तरह
विचारों व भंगिमाओं के प्रति
तटस्थ
मुक्ति की इच्छा को
बहकाते हुए