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वसंत के तीन पक्ष / कुलदीप सिंह भाटी
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1,
वसंत के आने पर
गा नहीं रहे होते हैं
सारे पंछी,
कुछ पुकार रहे होते हैं
अपने प्रियतम को।
क्योंकि वो जानते हैं
जरुरी है
वसंत के लौट आने के साथ
प्रियतम का लौट आना भी।
2,
(वर्षों बाद मिले प्रेमी युगल
बातों ही बातों में)
प्रेमी ने कहा
देखो! वह कोयल
वसंत की वेला में
प्रेम-गीत गा रही है।
प्रेमिका ने कहा
वो गा नहीं रो रही है।
प्रेमी ने पूछा
तुम उसकी
बोली समझती हो?
प्रेमिका ने कहा
मैं उसकी बोली नहीं, उसकी
वेदना का नाद समझती हूँ।
3,
किसी का दिल उजाड़ है।
तो किसी बाग़ में
सूखे झाड़-झंखाड़ हैं।
दिल हो या बाग़
कुछ के हिस्से में वसंत
कभी लौट कर नहीं आता है।